The Legacy of Jineshwar Review: फिल्म जो जैन धर्म की अद्भुत संस्कृति को प्रकाशित करती है

‘The Legacy of Jineshwar Review’ फिल्म जैन धर्म की दीक्षा-आत्मसंयम का विश्लेषण है, जो 19 अप्रैल को रिलीज हुई है. फिल्म जैन धर्म की दीक्षा और गुरु-शिष्य परम्परा पर केंद्रित है।

The Legacy of Jineshwar जैन धर्म की संस्कृति और अनछुए पहलुओं को चित्रित करता है। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था. इस बार 21 अप्रैल 2024, रविवार को महावीर जयंती मनाई जाएगी। जैन धर्म को समझना चाहते हैं तो ‘द लिगेसी ऑफ जिनेश्वर’ (The Legacy of Jineshwar) फिल्म देखें।

द लीगेसी ऑफ जिनेश्वर फिल्म भगवान महावीर के जीवन और शिक्षाओं पर आधारित एक हिंदी फिल्म है। यह फिल्म जैन धर्म की संस्कृति और दर्शन को दर्शकों के सामने पेश करती है। फिल्म में भगवान महावीर के जन्म, उनके त्याग, तपस्या और ज्ञान प्राप्ति, और उनके द्वारा स्थापित जैन धर्म के सिद्धांतों को दिखाया गया है।

धर्म पर फिल्म या डॉक्यूमेंटरी बहुत कम बनी हैं और यही कारण है कि जैन धर्म के बारे में लोगों को जानकारी भी कम होती है, लेकिन द लिगेसी ऑफ जिनेश्वर देखने के बाद इस धर्म की कई सकारात्मक चीजें पता चलेंगी.

राजा ऋषभ देव से भगवान महावीर तक की यात्रा के साथ-साथ खतरगच्छ (जैन धर्म में एक संप्रदाय) की स्थापना को दिलचस्प रूप से बताते हुए, “द लिगेसी ऑफ जिनेश्वर” जैन परंपरा की अनकही कहानी को खोला जाएगा।

यह फिल्म, द लिगेशी ऑफ़ जिनेश्वर, महावीर टाकिज और श्री खरतरगच्छ सहस्राब्दी महोत्सव द्वारा जारी की गई है. इसमें वर्धमान सूरी ने भगवान आदिनाथ और भगवान महावीर की विरासत को समझाया है, भौतिकवाद को त्याग दिया, दीक्षा ली और आत्म-नियंत्रण का उपदेश दिया।

फिल्म की कहानी संवत 1080 के आसपास चलती है, जिसमें जैन मुनि आचार्य वर्धमान सूरी अपने दो शिष्यों जिनेश्वर सूरी और बुद्धिसागर के साथ मिलकर लोगों को धर्म का मार्ग सिखाते हैं. फिल्म अभिषेक मालू द्वारा लिखी गई है और जैन धर्म को केंद्रित करती है, जिसे जैन समुदाय बहुत पसंद करता है, इसलिए फिल्म देखने के लिए न सिर्फ जैन धर्म के लोग बल्कि जिनकी अन्य धर्मों में रूचि है वे भी आ रहे हैं.

फिल्म ‘द लिगेसी ऑफ जिनेश्वर’, सुरेंद्र पाल सिंह, मनीष बिशला और अनिल लालवानी अभिनीत, अभिषेक मालू द्वारा निर्मित, प्रदीप पी. जाधव और विवेक अय्यर द्वारा निर्देशित और प्रशांत बेबर द्वारा लिखित, आपको जैन धर्म की सरलता, इतिहास, संस्कृति और मूल्यों को समझने का एक अद्वितीय सिनेमेटिक अनुभव देगी. पौराणिक कथाओं और नाटक के एक मनोरम कड़ी देखने को मिलेगी.

फिल्म की समीक्षा:

  • अभिनय: फिल्म में सभी कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है। अभिषेक मालवीय ने भगवान महावीर की भूमिका में जान डाल दी है। उनके अलावा, फिल्म में अन्य कलाकारों ने भी शानदार अभिनय किया है।
  • निर्देशन: फिल्म का निर्देशन चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने किया है। उन्होंने फिल्म को बहुत ही कुशलता से निर्देशित किया है। फिल्म की कहानी बहुत ही सुंदर और प्रेरक है।
  • संगीत: फिल्म का संगीत भी बहुत ही सुंदर है। फिल्म के गाने दर्शकों के मन को छू लेते हैं।
  • कला निर्देशन: फिल्म का कला निर्देशन भी बहुत ही शानदार है। फिल्म के सेट और वेशभूषा दर्शकों को जैन धर्म की संस्कृति से रूबरू करवाते हैं।

कुल मिलाकर, “द लीगेसी ऑफ जिनेश्वर” एक बहुत ही अच्छी फिल्म है। यह फिल्म जैन धर्म की संस्कृति और दर्शन को दर्शकों के सामने बहुत ही प्रभावशाली ढंग से पेश करती है। यह फिल्म उन सभी लोगों के लिए अवश्य देखने योग्य है जो जैन धर्म के बारे में जानना चाहते हैं।

यहां फिल्म के कुछ खास पहलू दिए गए हैं:

  • फिल्म जैन धर्म के अहिंसा, क्षमा, और अपरिग्रह जैसे मूल्यों पर प्रकाश डालती है।
  • फिल्म में जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों की भी झलक दिखाई गई है।
  • फिल्म में जैन धर्म के विभिन्न अनुष्ठानों और परंपराओं को भी दिखाया गया है।

यदि आप जैन धर्म या भगवान महावीर के बारे में जानने में रुचि रखते हैं, तो “द लीगेसी ऑफ जिनेश्वर” फिल्म अवश्य देखें।

यह फिल्म आपको निराश नहीं करेगी।

 

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