MahaShivratri महाशिवरात्रि इस वर्ष 9 या 10 मार्च को है। हिंदू धर्म में इस पर्व का बहुत ज्यादा महत्व है। महाशिवरात्रि के दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं और विधि विधान से पूजा करते हैं। हिंदू धर्म में महादेव को कल्याण का देवता माना गया है। शिव जी को उनकी दया और करुणा के लिए भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शिव जी मात्र बेलपत्र और एक लोटा जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसके अलावा अगर आप शिव जी की अधिक कृपा पाने चाहते हैं तो महाशिरात्रि के दिन कुछ विशेष मंत्रों का जाप जरूर करें। इन मंत्रों का जाप करने से भोलेनाथ प्रसन्न तो होते ही हैं साथ ही अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में…
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
शिवजी के इस मंत्र को रुद्र मंत्र कहा जाता है। किसी मनोकामना के लिए महाशिवरात्रि पर इसका जाप अवश्य करें। यह मंत्र शिव जी तक आपकी सभी मनोकामनाएं पहुंचाता है। शिवजी का यह मंत्र बहुत चमत्कारी माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन इस मंत्र का जाप 108 बार करें। यह मंत्र व्यक्ति के शरीर और दिमाग को शांत करता है और महादेव भी उसपर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। शिवजी अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
यह महामृत्युंजय जाप है। इस मंत्र को सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है। इसका अर्थ है- हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!
महाशिवरात्रि पर इस मंत्र का जाप अवश्य करें। यह शिव गायत्री मंत्र है, जिसे सर्वशक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र से व्यक्ति को सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
MahaShivratri महाशिवरात्रि व्रत 2024 Fasting Rules:
शिवपुराण में बताया गया है कि जो शिव भक्त शिव रात्रि और महाशिवरात्रि पर व्रत रखते हैं और भगवान भोलेनाथ की भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना करते हैं। वह भक्त पूरे साल भगवान शिव की पूजा का फल उस एक दिन में पा जाता है। इसलिए शिव कृपा की इच्छा रखने वाले शिव भक्तों को शिवरात्रि के दिन व्रत अथवा फलाहार रखकर भगवान भोलेनाथ का व्रत करना चाहिए और रात्रि काल में विशेष रूप से शिवजी की पूजा अर्चना करनी चाहिए। मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और पार्वती विवाह संपन्न हुआ था। यह त्योहार उनकी वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। देवी पार्वती और शिवजी के मिलन के इस उत्सव को पूरे भारत में विशेष धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग व्रत करके शिवजी की आराधना करते हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे किया जाता है शिवरात्रि का व्रत और पूजा व क्या हैं नियम …
महाशिवरात्रि व्रत कैसे किया जाता है?
महाशिवरात्रि पर सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें. गन्ने के रस, कच्चे दूध या शुद्ध घी से शिवलिंग का अभिषेक करें. फिर महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, फूल, मिठाई, मीठा पान, इत्र आदि अर्पित करें ।
महाशिवरात्रि व्रत के नियम क्या है?
महाशिवरात्रि चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। चतुर्दशी तिथि के प्रारंभ होने से पहले ही व्रत का संकल्प लें या उदयातिथि है तो प्रात: काल ही व्रत का संकल्प लें। – यदि एक समय का व्रत रख रहे हैं तो फिर दूसरे समय फलाहार नहीं करते हैं। यानि एक समय भोजन कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन व्रत में क्या खाना चाहिए?
मान्यता के अनुसार अगर आपने निर्जल व्रत रखा है, तो आपको पूरा दिन जल की एक बूंद भी नहीं लेनी है. – मान्यता के अनुसार फलाहार उपवास करने वाले भक्त दिनभर किसी भी फल का सेवन कर सकते हैं. – मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि के व्रत में आप दाल, चावल, गेहूं या कोई भी साबुत अनाज और सादे नमक का उपयोग नहीं कर सकते.
महाशिवरात्रि के व्रत में क्या नहीं करना चाहिए?
- Mahashivaratri 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. …
- काले कपड़ों से बचें
- रात में न सोएं
- शिवलिंग पर कुमकुम न चढ़ाएं
- टूटे हुए अक्षत
- केतकी के फूल ना चढ़ाएं
- टूटे हुए बलेपत्र
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