Google I/O 2024: गूगल ने AI की मदद से भाषण मॉडल बनाए हैं जो लोगों की जिंदगी आसान बनाने में मदद करेंगे। भारत एक ऐसा देश है जहां कई भाषाएं बोली जाती हैं और हर भाषा को समझने के लिए एक मजबूत शब्दावली वाला टूल है जो आपकी भाषा को समझकर आपसे बात करेगा।
Google I/O 2024: भारत में सिर्फ एक, दो या तीन भाषाएं नहीं बोली जाती हैं; दिलचस्प बात यह है कि भारत के कई क्षेत्रों में लगभग हर पांच किलोमीटर में एक भाषा बदल जाती है। Google ने AI तकनीक का उपयोग करके सभी भाषाओं की समझ विकसित की है। गूगल डेवलपर्स ने ऐसी तकनीक बनाई है जो लोगों की भाषा समझ सकती है और उनकी भाषा में जवाब भी दे सकती है।
पहले इंग्लिश डेटा पर आधारित कई मॉडल बनाए गए, लेकिन अब एक मॉडल बनाया गया है जो भारत की कई भाषाओं पर आधारित है। Google Gemma कंपनी का ओपन मॉडल है। Gemma का डिजाइन ऐसा है कि वह सभी चुनौतियों को दूर करने में सक्षम है. इसका शक्तिशाली टोकनाइज़र और बड़ी टोकन शब्दावली (vocabulary) इसे कई भाषाओं में जवाब देने में सक्षम बनाते हैं।
Google I/O 2024: Tokenization का मतलब
नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और मशीन लर्निंग के जरिए जब टेक्स्ट को छोटे भागों में कंवर्ट किया जाता है तो उसे टोकन कहते हैं. ये टोकन अक्षरों जितने छोटे या शब्दों जितने लंबे हो सकते हैं.
Google Gemma क्या है और कैसे करता है काम?
Gemini मॉडल को तैयार करने वाली रिसर्च और टेक्नोलॉजी का ही इस्तेमाल Gemma को लिए भी डेवलप करने के लिए किया गया है. गूगल जेम्मा एक लाइटवेट ओपन मॉडल है जिसे Google DeepMind और गूगल की अन्य टीमों द्वारा तैयार किया गया है.
गूगल Gemma का पावरफुल टोकनाइजर मॉडल को ऐनेबल करता है और फिर ये मॉडल हजारों शब्द, सिंबल और कैरेक्टर्स को समझने के लिए लैंग्वेज सिस्टम का इस्तेमाल करता है. Navarasa जैसे प्रोजेक्ट्स को पावर देने के लिए बड़ी शब्दावली (vocabulary) भी काफी जरूरी है.
Google Navarasa क्या है
भारत में डेवलपर्स ने Navarasa को तैयार करने के लिए कंपनी के Gemma मॉडल का इस्तेमाल किया है. नवरासा एक ऐसा प्रोजेक्ट या फिर कह लीजिए ऐसा मॉडल है जिसे इस तरह से ट्रेन्ड किया गया है कि वह अलग-अलग भारतीय भाषाओं को समझने में सक्षम है.
नवरासा एक फाइन-ट्यून मॉडल है जो Google Gemma पर बेस्ड है. नवरासा को बनाने के पीछे का मकसद बड़े लैंग्वेज मॉडल्स को बनाना है जिससे कि लोग इससे अपनी मातृभाषा में बात कर सकें और उन्हें जवाब भी उनकी मातृभाषा में मिले. इस मॉडल को तैयार करने के पीछे गूगल का मकसद देश के हर कोने से हर एक व्यक्ति को AI से जोड़ना है.
Google ने AI का इस्तेमाल कर ऐसी टेक्नोलॉजी को बिल्ड किया है जिससे कि देश का कोई भी व्यक्ति पीछे न रहे और हर कोई इससे इस तकनीक का इस्तेमाल करे. गूगल न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के हर एक कोने तक जेनरेटिव AI को पहुंचाना चाहता है जिससे कि लोग इन टूल्स और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अपनी रोजमर्रा की दिक्कत का हल पाने के लिए करें.
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